शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

अमेरिकी दरों पर फैसले से तय होगी चाल

अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका का असर निफ्टी 50 पर सप्ताह की शुरुआत से ही दिखने लगा था। जैसे-जैसे यह भय हल्का पड़ने लगा, बाजार पुरानी रफ्तार पकड़ने लगी। कारोबार में तेज उतार-चढ़ाव इस बात का द्योतक है कि बाजार अभी भ्रम की स्थिति में है और सिर्फ बाहरी संकेतों के आधार पर ही चल रहा है। महंगाई की दर अब नीचे आने लगी है। खुदरा महंगाई के अगस्त के आंकड़े पांच महीने के न्यूनतम पर हैं। इससे रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के लिए ब्याज दरों को नीचे लाने का रास्ता खुलता दिख रहा है। बाजार में जिस तरह से लिक्विडिटी का प्रवाह दिख रहा है, उससे मध्यम अवधि में बाजार के लिए किसी तरह की चिंता की बात नहीं दिख रही है। बीमा कंपनी आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का पहला आइपीओ आ रहा है।

कंपनी बाजार से 6000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। कंपनी की वैल्यूएशन 48000 करोड़ रुपये आंकी गई है। उद्योग की अन्य कंपनियों के मुकाबले इसकी वैल्यूएशन कुछ ज्यादा लग रही है। रिलायंस कैपिटल शेयरधारकों को प्रत्येक शेयर के बदले रिलायंस होम फाइनेंस का एक शेयर देगी। इससे शेयरधारकों की लंबी अवधि में वैल्यू बढ़ेगी। बाजार में सबकी निगाहें अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व की बैठक पर रहेंगी। सबसे अधिक लिक्विडिटी वाले स्वर्ण व अमेरिकी बांड बाजारों से विरोधाभासी संकेत मिल रहे हैं। सोने के दामों से संकेत मिल रहा है कि ब्याज दरों में वृद्धि नहीं होगी। जबकि बांड बाजार में कीमतें तेजी से गिर रही हैं जिसका अर्थ स्पष्ट है कि ब्याज दरें आने वाले दिनों में बढ़ने वाली हैं। विरोधाभासी संकेत कारोबारियों को लाभ का अवसर दे रहे हैं। कारोबारी कॉल्स और पुट दोनों में एक साथ सौदा कर मुनाफा कमा सकते है!

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें