दुनिया की सबसे तेजी से बढऩे वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत की अहमियत आने वाले सालों में औैर बढऩे वाली है। प्राइस वाटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) के मुताबिक भारत 2050 अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। रिपोर्ट में खरीदने की क्षमता को प्राथमिकता (पीपीपी) के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है। पीडब्ल्यूसी के मुताबिक ई7 कंट्रीज जिसमें ब्राजील, चीन, भारत, इंडोनेशिया, मेक्सिको, रूस और तुर्की शामिल हैं, अगले 34 साल तक 3.5 फीसदी औसतन सालाना ग्रोथ करेंगे। इसके विपरीत एडवांस्ड जी7 कंट्रीज की ग्रोथ रेट 1.6 फीसदी रहेगी, जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका आते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक चीन पहले ही अमेरिका को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की सबसे बड़ी इकोनॉमी बन चुका है, जबकि भारत तीसरे पायदान पर है और इसके 2050 तक अमेरिका को पीछे छोडऩे का अनुमान है।
Currency Spinning
शुक्रवार, 17 फ़रवरी 2017
ईपीएफ ब्याज दर घटाकर 8.65 फीसदी करने पर सहमति,
श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय ने मंगलवार को बताया कि ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) डिपॉजिट पर 8.65 फीसदी ब्याज दर को लेकर वित्त मंत्रालय से सहमति बन गई है। इस मुद्दे पर दोनों मंत्रालयों के बीच किसी भी प्रकार का मतभेद नहीं है। संभावना है कि वित्त मंत्रालय इस बाबत जल्द ही निर्णय ले लेगा।
दत्तात्रेय ने बताया कि श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की राय इस बारे में एक जैसी है और ईपीएफ डिपॉजिट पर 8.65 फीसदी ब्याज दर को लेकर दोनों के बीच किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है। इस बारे में सरकार काम कर रही है।
दत्तात्रेय ने बताया कि श्रम मंत्रालय और वित्त मंत्रालय की राय इस बारे में एक जैसी है और ईपीएफ डिपॉजिट पर 8.65 फीसदी ब्याज दर को लेकर दोनों के बीच किसी भी प्रकार का कोई मतभेद नहीं है। इस बारे में सरकार काम कर रही है।
सुकन्या योजना में निवेश से पहले जान लीजिए 10 बड़ी बातें
सुकन्या समृद्धि योजना से जुड़ी 10 अहम बातें-
1. नए नियम के तहत सुकन्या एकाउंट गोद ली हुई बिटिया के नाम पर भी खुलावाया जा सकता है।
2. सुकन्या समृद्धि खाता योजना का फायदा केवल भारतीय नागरिकता वाली लड़की ही उठा सकती है। यदि खाताधारक खाता खोलने के बाद एनआरआई बन जाती है तो एकाउंट बंद कर दिया जाएगा और साथ ही इस पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।
3. सरकार इसकी ब्याज दरों में समय-समय पर बदलाव करती है। इसपर मौजूदा ब्याज दरें 8.5 फीसदी की है।
4. बिटिया के 15 वर्ष की आयु पूरी कर लेने तक ही राशि जमा कर सकते हैं।
5. न्यूनतम राशि का भुगतान न करने पर सुकन्या समृद्धि एकाउंट पर ब्याज नहीं मिलेगा। साथ ही एकाउंट इंटरेस्ट का केवल 4 फीसदी ही होता है।
6. इस खाते में किसी भी वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक की राशि जमा करा सकते हैं। यदि कभी गलती से इस राशि से ज्यादा जमा कर देते हैं तो आप जब चाहे तब उस राशि की निकासी कर सकते है।
7. इस खाते में नकद/चेक या फिर डिमांड ड्राफ्ट के साथ-साथ ऑनलाइन पेमेंट का भी प्रावधान है।
8. पासबुक खो जाने की स्थिति में नई पासबुक 50 रुपए की राशि का भुगतान करने पर इश्यू करवाई जा सकती है।
9. बिना किसी अतिरिक्त चार्जेस के एकाउंट को बैंक से पोस्ट ऑफिस और पोस्ट ऑफिस से बैंक में ट्रांस्फर करवाया जा सकता है। माता पिता या फिर संरक्षक को अपने घर का पता बदलने के प्रमाण उपलब्ध करवाने होंगे। यदि घर का पता नहीं बदला गया है तो 100 रुपए की राशि देकर ट्रांस्फर करवाया जा सकता है।
10. एकाउंट खोलने के 21 वर्षों के बाद यानि कि एकाउंट के मैच्योर होने के बाद किसी भी तरह का कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा।
1. नए नियम के तहत सुकन्या एकाउंट गोद ली हुई बिटिया के नाम पर भी खुलावाया जा सकता है।
2. सुकन्या समृद्धि खाता योजना का फायदा केवल भारतीय नागरिकता वाली लड़की ही उठा सकती है। यदि खाताधारक खाता खोलने के बाद एनआरआई बन जाती है तो एकाउंट बंद कर दिया जाएगा और साथ ही इस पर कोई ब्याज नहीं दिया जाएगा।
3. सरकार इसकी ब्याज दरों में समय-समय पर बदलाव करती है। इसपर मौजूदा ब्याज दरें 8.5 फीसदी की है।
4. बिटिया के 15 वर्ष की आयु पूरी कर लेने तक ही राशि जमा कर सकते हैं।
5. न्यूनतम राशि का भुगतान न करने पर सुकन्या समृद्धि एकाउंट पर ब्याज नहीं मिलेगा। साथ ही एकाउंट इंटरेस्ट का केवल 4 फीसदी ही होता है।
6. इस खाते में किसी भी वित्तीय वर्ष में अधिकतम 1.5 लाख रुपए तक की राशि जमा करा सकते हैं। यदि कभी गलती से इस राशि से ज्यादा जमा कर देते हैं तो आप जब चाहे तब उस राशि की निकासी कर सकते है।
7. इस खाते में नकद/चेक या फिर डिमांड ड्राफ्ट के साथ-साथ ऑनलाइन पेमेंट का भी प्रावधान है।
8. पासबुक खो जाने की स्थिति में नई पासबुक 50 रुपए की राशि का भुगतान करने पर इश्यू करवाई जा सकती है।
9. बिना किसी अतिरिक्त चार्जेस के एकाउंट को बैंक से पोस्ट ऑफिस और पोस्ट ऑफिस से बैंक में ट्रांस्फर करवाया जा सकता है। माता पिता या फिर संरक्षक को अपने घर का पता बदलने के प्रमाण उपलब्ध करवाने होंगे। यदि घर का पता नहीं बदला गया है तो 100 रुपए की राशि देकर ट्रांस्फर करवाया जा सकता है।
10. एकाउंट खोलने के 21 वर्षों के बाद यानि कि एकाउंट के मैच्योर होने के बाद किसी भी तरह का कोई भी ब्याज नहीं दिया जाएगा।
अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष या अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (अंग्रेज़ी:International Monetary Fund; इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड, लघुरूप:IMF; आईएमएफ) एक अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो अपने सदस्य देशों की वैश्विक आर्थिक स्थिति पर नज़र रखने का काम करती है। यह अपने सदस्य देशों को आर्थिक और तकनीकी सहायता प्रदान करती है। यह संगठन अन्तर्राष्ट्रीय विनिमय दरों को स्थिर रखने के साथ-साथ विकास को सुगम करने में सहायता करता है।[2] इसका मुख्यालय वॉशिंगटन डी॰ सी॰, संयुक्त राज्य में है। इस संगठन के प्रबंध निदेशक डॉमनिक स्ट्रॉस है। आईएमएफ की विशेष मुद्रा एसडीआर (स्पेशल ड्राइंग राइट्स) है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार और वित्त के लिए कुछ देशों की मुद्रा का इस्तेमाल किया जाता है, इसे एसडीआर कहते हैं। एसडीआर में यूरो, पाउंड, येन और डॉलर हैं। आईएमएफ की स्थापना १९४४ में की गई थी। विभिन्न देशों की सरकार के ४५ प्रतिनिधियों ने अमेरिका के ब्रिटेन वुड्स में बैठक कर अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक समझौते की रूपरेखा तैयार की थी। २७ दिसंबर, १९४५ को २९ देशों के समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद आईएमएफ की स्थापना हुई।
आईएमएफ के कुल १८६ सदस्य देश हैं। २९ जून २००९ को कोसोवो गणराज्य १८६वें देश के रूप में शामिल हुआ था।[3][4] आईएमएफ का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता सुरक्षित करना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है। सदस्य देशों की संख्या बढ़ने के साथ वैश्विक अर्थ-व्यवस्था में आईएमएफ का कार्य काफी बढ़ा है। कोई भी देश आईएमएफ की सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। पहले यह आवेदन आईएमएफ के कार्यपालक बोर्ड द्वारा विचाराधीन भेजी जाती है। इसके बाद कार्यकारी बोर्ड, बोर्ड ऑफ गर्वनेस को उसकी संस्तुति के लिए भेजता है। वहां स्वीकृत होने पर सदस्यता मिल जाती है।
आईएमएफ के कुल १८६ सदस्य देश हैं। २९ जून २००९ को कोसोवो गणराज्य १८६वें देश के रूप में शामिल हुआ था।[3][4] आईएमएफ का उद्देश्य आर्थिक स्थिरता सुरक्षित करना, आर्थिक प्रगति को बढ़ावा देना, गरीबी कम करना, रोजगार को बढ़ावा देना और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सुविधाजनक बनाना है। सदस्य देशों की संख्या बढ़ने के साथ वैश्विक अर्थ-व्यवस्था में आईएमएफ का कार्य काफी बढ़ा है। कोई भी देश आईएमएफ की सदस्यता के लिए आवेदन कर सकता है। पहले यह आवेदन आईएमएफ के कार्यपालक बोर्ड द्वारा विचाराधीन भेजी जाती है। इसके बाद कार्यकारी बोर्ड, बोर्ड ऑफ गर्वनेस को उसकी संस्तुति के लिए भेजता है। वहां स्वीकृत होने पर सदस्यता मिल जाती है।
शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017
अमेरिकी दरों पर फैसले से तय होगी चाल
अमेरिका में ब्याज दरों में वृद्धि की आशंका का असर निफ्टी 50 पर सप्ताह की शुरुआत से ही दिखने लगा था। जैसे-जैसे यह भय हल्का पड़ने लगा, बाजार पुरानी रफ्तार पकड़ने लगी। कारोबार में तेज उतार-चढ़ाव इस बात का द्योतक है कि बाजार अभी भ्रम की स्थिति में है और सिर्फ बाहरी संकेतों के आधार पर ही चल रहा है। महंगाई की दर अब नीचे आने लगी है। खुदरा महंगाई के अगस्त के आंकड़े पांच महीने के न्यूनतम पर हैं। इससे रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के लिए ब्याज दरों को नीचे लाने का रास्ता खुलता दिख रहा है। बाजार में जिस तरह से लिक्विडिटी का प्रवाह दिख रहा है, उससे मध्यम अवधि में बाजार के लिए किसी तरह की चिंता की बात नहीं दिख रही है। बीमा कंपनी आइसीआइसीआइ प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस का पहला आइपीओ आ रहा है।
कंपनी बाजार से 6000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। कंपनी की वैल्यूएशन 48000 करोड़ रुपये आंकी गई है। उद्योग की अन्य कंपनियों के मुकाबले इसकी वैल्यूएशन कुछ ज्यादा लग रही है। रिलायंस कैपिटल शेयरधारकों को प्रत्येक शेयर के बदले रिलायंस होम फाइनेंस का एक शेयर देगी। इससे शेयरधारकों की लंबी अवधि में वैल्यू बढ़ेगी। बाजार में सबकी निगाहें अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व की बैठक पर रहेंगी। सबसे अधिक लिक्विडिटी वाले स्वर्ण व अमेरिकी बांड बाजारों से विरोधाभासी संकेत मिल रहे हैं। सोने के दामों से संकेत मिल रहा है कि ब्याज दरों में वृद्धि नहीं होगी। जबकि बांड बाजार में कीमतें तेजी से गिर रही हैं जिसका अर्थ स्पष्ट है कि ब्याज दरें आने वाले दिनों में बढ़ने वाली हैं। विरोधाभासी संकेत कारोबारियों को लाभ का अवसर दे रहे हैं। कारोबारी कॉल्स और पुट दोनों में एक साथ सौदा कर मुनाफा कमा सकते है!
कंपनी बाजार से 6000 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। कंपनी की वैल्यूएशन 48000 करोड़ रुपये आंकी गई है। उद्योग की अन्य कंपनियों के मुकाबले इसकी वैल्यूएशन कुछ ज्यादा लग रही है। रिलायंस कैपिटल शेयरधारकों को प्रत्येक शेयर के बदले रिलायंस होम फाइनेंस का एक शेयर देगी। इससे शेयरधारकों की लंबी अवधि में वैल्यू बढ़ेगी। बाजार में सबकी निगाहें अगले सप्ताह फेडरल रिजर्व की बैठक पर रहेंगी। सबसे अधिक लिक्विडिटी वाले स्वर्ण व अमेरिकी बांड बाजारों से विरोधाभासी संकेत मिल रहे हैं। सोने के दामों से संकेत मिल रहा है कि ब्याज दरों में वृद्धि नहीं होगी। जबकि बांड बाजार में कीमतें तेजी से गिर रही हैं जिसका अर्थ स्पष्ट है कि ब्याज दरें आने वाले दिनों में बढ़ने वाली हैं। विरोधाभासी संकेत कारोबारियों को लाभ का अवसर दे रहे हैं। कारोबारी कॉल्स और पुट दोनों में एक साथ सौदा कर मुनाफा कमा सकते है!
बुधवार, 1 फ़रवरी 2017
ANNUAL BUDGET 2016-17 वित्तीय वर्ष 2017-18 का बजट
कांग्रेस ने वरिष्ठ सांसद के निधन के दिन बजट पेश करने का विरोध किया, लेकिन लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा, ई अहमद के निधन से दुखी हूं लेकिन बजट आज ही पेश होगा। यह संवैधानि कर्तव्य है और इसे रोका नहीं जा सकता।
- अपने बजट भाषण में जेटली ने कहा, भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था के बीच एक उभरते हुए सितारे के रूप में सामने आया है। महंगाई पर सरकार ने काबू पाया है। काले धन के खिलाफ सरकार लड़ाई लड़ रही है।
- नोटबंदी पर जेटली ने दोहराया, इससे भ्रष्टाचार मिटेगा और लंबे समय में देश को फायदा होगा। गरीबों तक इसका फायदा मिलेगा। बैंक ब्याज दरें घटा पाएंगे। नोटबंदी के प्रभाव अगले वित्तीय वर्ष तक नहीं जाने वाले।
- युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। जनधन आधार और मोबाइल जेएएम की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
- सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश हुई है। भारत पर मंदी का असर कम हुआ है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास में निवेश और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश करना। नोटबंदी से पारदर्शिता आएगी।
- विकास का फायदा गरीबों को होगा।
- कच्चे तेल की कीमत में कमी का अनुमान है। दालों के उत्पादन में तेजी आई है।
- वित्तीय घाटा जीडीपी 0.3 प्रतिशत के आसपास हुआ है। विदेशी मुद्रा भंडार 361 अरब डॉलर हुआ, महंगाई दर 2-6 प्रतिशत के आसपास होगी।
- संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि महंगाई पर काबू पाया गया।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जोर देना अगला बड़ा लक्ष्य है।
- मानसून अच्छा रहा था। कृषि विकास दर 4.1% होने का अनुमान है। किसानों पर 10 लाख करोड़ का खर्च किए जाएंगे।
- फसल बीमा के लिए 9 हजार करोड़ का बजट रखा गया है।
- अगले वित्तीय वर्ष में इन 10 बड़ी बातों पर जोर होगा:- 1. किसान 2. गांव 3. युवा 4. गरीब 5. इंफास्ट्रक्चर 6. वित्तीय क्षेत्र 7. डिजिटल इंडिया 8. पब्लिक सर्विस 9. खर्च पर संयम 10. टैक्स
- टेक्सटाइल में रोजगार के लिए योजना शुरू की गई है। इसे लेदर सेक्टर को भी जोड़ा गया है।
- 5 अलग से टूरिज्म जोन बनाए गए हैं।
- 4 हजार करोड़ रुपए से संकल्प योजना, साढ़े तीन करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
- ग्रामीण और कृषि से जुड़े क्षेत्रों के लिए 1 लाख 87 हजार करोड़ 223 रुपए रखे जाएंगे।
- शिक्षा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए यूजीसी के स्तर में सुधार करेंगे।
- स्कूलों के लिए नया सालाना शिक्षा कार्यक्रम होगा।
- मई 2018 तक हर गांव में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
- सरकार रोजाना 133 किमी सड़क बना रही है।
- प्रशिक्षित डॉक्टरों के लिए 5 हजार पोस्ट ग्रेजुएट सीटें रखी जाएंगी और ट्रेनिंग दी जाएंगी।
- नवजात मृत्यु दर कम करने का लक्ष्य।
- गर्भवती महिलाओं के अकाउंट में 6 हजार रुपए सीधे डाले जाएंगे।
- गांवों में महिला शक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
- गरीबों और वंचितों के लिए सबका साथ और सबका विकास के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं के विकास पर जोर दिया जाएगा।
- एससी के लिए 52 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान। अल्पसंख्यकों के लिए 4 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान।
- LIC वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास स्कीम लाएगी। बुजुर्गों को आठ फीसदी सुनिश्चित रिटर्न दिया जाएगा।
- आधार आधारित हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे।
- रेलवे के लिए सफाई, सुरक्षा और सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।
- रेलवे के लिए 1 लाख 31 हजार करोड़ रखे गए हैं। सभी ट्रेनों में बायोटॉयलेट लगाए जाएंगे।
- ई-टिकट पर सर्विस टैक्स नहीं। ई-टिकट से यात्रा सस्ती होगी।
- गुजरात-झारखंड में एम्स खोले जाएंगे।
- मेट्रो रेल के लिए नई नीति की घोषणा की जाएगी।
- दिव्यांगों के लिए स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जाएंगे।
- अगले वित्त वर्ष में 3500 किमी रेल लाइन कमिशन की जाएंगी। धार्मिक यात्राओं के लिए अलग से सर्किट।
- सुरक्षा के लिए अगले पांच सालों के 1 लाख करोड़। 2020 तक ब्रॉडगैज लाइन पर मेनलेस क्रॉसिंग खत्म होंगे।
- टेली मेडिसिन के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक का उपयोग होगा।
- भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत 1 लाख 55 किलोमीटर में फायबर केबल डाली गई।
- एयरपोर्ट को अपग्रेड करने के लिए बने कानून में संशोधन किया जाएगा।
- राजमार्गों के लिए 64, 900 करोड़ का आवंटन किया गया है।
- हाईवे के लिए 64 हजार करोड़ रखे गए हैं।
- कैशलेस रिजर्वेशंस 58 से बढ़कर 68 प्रतिशत हुआ। रेलवे का ऑपरेटिव रेशों सुधारने की कोशिश।
- सीबीएसई और एआईसीटीसी प्रवेश परीक्षाएं नहीं लेंगी। इसके लिए नई संस्था का गठन किया जाएगा।
- एफडीआई के क्षेत्र में सरकार ने कई परिवर्तन किए। ऑटोमेटिक रूट से एफडीआई भारत में ज्यादा आ रही है। एफआईपीबी को 2017-18 को एफडीआई के क्षेत्र से हटा दिया जाएगा।
- इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 2017-18 में 3 लाख 90 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश।
- भारत को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने पर जोर। मोबाइल क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को बढ़ावा।
- टेली मेडिसिन के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक का उपयोग होगा।
- वित्तिय क्षेत्र के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम बनाई जाएगी।
- शेयर बाजार में सरकारी कंपनियों की लिस्टिंग की समय सीमा। आईआरसीटीसी भी लिस्टेट होगी।
- भारत डिजिटल क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। बैंकों ने मार्च तक 2017 तक 20 लाख नए आधार आधारित पीओएस शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- भ्रष्टाचार हटाने के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था बेहद जरूरी, भीम एप डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। 125 लाख लोगों ने भीम ऐप को अपनाया। इसे बढ़ाने के लिए दो नई स्कीमें।
- उच्च क्षेत्र की शिक्षा के लिए यूजीसी में होगा सुधार। सौ इंडिया स्किल सेंटर स्थापित होंगे। विदेशी भाषा के ज्ञान में सुधार कार्यक्रम, ऑनलाइन क्लास रुम पर फोकस।
- दवाओं के दाम घटाने के लिए योजना बनाई जाएगी। 2025 तक टीबी, 2018 तक चेचक, कुष्ठ रोग को खत्म किया जाएगा।
- बीकानेर और ओडिशा में कच्चे तेल के भंडार बनेंगे।
- कैशबेक और रेफरल बोनस स्कीम आएगी।
- पोस्ट ऑफिस के माध्यम से डिजिटल योजनाएं लागू की जाएंगी।
- छोटे शहरों में एयरपोर्ट बनेंगे।
- GPO में पासपोर्ट बनेंगे।
- रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपए का रखा गया है।
- रेलवे के लिए 1.31 हजार करोड़ का बजट रखा गया है।
-1.50 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड का लक्ष्य।
- कैशबेक और रेफरल बोनस स्कीम आएगी।
- पोस्ट ऑफिस के माध्यम से डिजिटल योजनाएं लागू की जाएंगी।
- छोटे शहरों में एयरपोर्ट बनेंगे।
- GPO में पासपोर्ट बनेंगे।
- रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपए का रखा गया है।
- रेलवे के लिए 1.31 हजार करोड़ का बजट रखा गया है।
- 1.50 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड का लक्ष्य।
- सिर्फ 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख से कम आमदनी दिखाई। वहीं 5 लाख की आमदमी दिखाने वालों की संख्या महज 76 लाख रही।
- कर चोरी करने वालों का भार ईमानदार लोगों पर पड़ता है। कर प्रस्तावों में मध्यमवर्ग का ख्याल रखा गया।
- कर प्रस्तावों पर विकास, कालेधन पर रोकथाम और कर व्यवस्था के सरलीकरण पर जोर दिया गया है।
- सस्ते घरों की स्कीम का दायरा बढ़ा। सस्ते घरों की योजना में बड़े घर, बिल्ट अप एरिया कार्पेट एरिया माना जाएगा।
- घरों के लिए कैपिटल गेन्स की सीमा 3 साल से 2 साल हुई।
- भूमिअधिग्रहण पर मुआवजा कर मुक्त होगा।
- 3 लाख से ज्यादा कैश में लेन-देन नहीं होगा।
- 50 करोड़ टर्नओवर पर इनकमटैक्स 5 फीसदी घटाया।
- 2000 से ज्यादा का राजनीतिक चंदा नकद में नहीं।
- चेक या डिजिटल से ही चंदा ले सकेंगी पार्टियां
- राजनीतिक चंदे के लिए डॉनर बॉण्ड जारी होंगे।
- पीओएस मशीनों पर ड्यूटी घटाई गई।
- अपने बजट भाषण में जेटली ने कहा, भारत दुनिया की अर्थव्यवस्था के बीच एक उभरते हुए सितारे के रूप में सामने आया है। महंगाई पर सरकार ने काबू पाया है। काले धन के खिलाफ सरकार लड़ाई लड़ रही है।
- नोटबंदी पर जेटली ने दोहराया, इससे भ्रष्टाचार मिटेगा और लंबे समय में देश को फायदा होगा। गरीबों तक इसका फायदा मिलेगा। बैंक ब्याज दरें घटा पाएंगे। नोटबंदी के प्रभाव अगले वित्तीय वर्ष तक नहीं जाने वाले।
- युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। जनधन आधार और मोबाइल जेएएम की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
- सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश हुई है। भारत पर मंदी का असर कम हुआ है।
- इंफ्रास्ट्रक्चर में विकास में निवेश और अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कोशिश करना। नोटबंदी से पारदर्शिता आएगी।
- विकास का फायदा गरीबों को होगा।
- कच्चे तेल की कीमत में कमी का अनुमान है। दालों के उत्पादन में तेजी आई है।
- वित्तीय घाटा जीडीपी 0.3 प्रतिशत के आसपास हुआ है। विदेशी मुद्रा भंडार 361 अरब डॉलर हुआ, महंगाई दर 2-6 प्रतिशत के आसपास होगी।
- संसद में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि महंगाई पर काबू पाया गया।
- डिजिटल अर्थव्यवस्था पर जोर देना अगला बड़ा लक्ष्य है।
- मानसून अच्छा रहा था। कृषि विकास दर 4.1% होने का अनुमान है। किसानों पर 10 लाख करोड़ का खर्च किए जाएंगे।
- फसल बीमा के लिए 9 हजार करोड़ का बजट रखा गया है।
- अगले वित्तीय वर्ष में इन 10 बड़ी बातों पर जोर होगा:- 1. किसान 2. गांव 3. युवा 4. गरीब 5. इंफास्ट्रक्चर 6. वित्तीय क्षेत्र 7. डिजिटल इंडिया 8. पब्लिक सर्विस 9. खर्च पर संयम 10. टैक्स
- टेक्सटाइल में रोजगार के लिए योजना शुरू की गई है। इसे लेदर सेक्टर को भी जोड़ा गया है।
- 5 अलग से टूरिज्म जोन बनाए गए हैं।
- 4 हजार करोड़ रुपए से संकल्प योजना, साढ़े तीन करोड़ युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी।
- ग्रामीण और कृषि से जुड़े क्षेत्रों के लिए 1 लाख 87 हजार करोड़ 223 रुपए रखे जाएंगे।
- शिक्षा के क्षेत्र में उच्च शिक्षा के लिए यूजीसी के स्तर में सुधार करेंगे।
- स्कूलों के लिए नया सालाना शिक्षा कार्यक्रम होगा।
- मई 2018 तक हर गांव में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
- सरकार रोजाना 133 किमी सड़क बना रही है।
- प्रशिक्षित डॉक्टरों के लिए 5 हजार पोस्ट ग्रेजुएट सीटें रखी जाएंगी और ट्रेनिंग दी जाएंगी।
- नवजात मृत्यु दर कम करने का लक्ष्य।
- गर्भवती महिलाओं के अकाउंट में 6 हजार रुपए सीधे डाले जाएंगे।
- गांवों में महिला शक्ति केंद्र खोले जाएंगे।
- गरीबों और वंचितों के लिए सबका साथ और सबका विकास के तहत आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से महिलाओं के विकास पर जोर दिया जाएगा।
- एससी के लिए 52 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान। अल्पसंख्यकों के लिए 4 हजार करोड़ से ज्यादा का प्रावधान।
- LIC वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास स्कीम लाएगी। बुजुर्गों को आठ फीसदी सुनिश्चित रिटर्न दिया जाएगा।
- आधार आधारित हेल्थ कार्ड बनाए जाएंगे।
- रेलवे के लिए सफाई, सुरक्षा और सुविधाओं पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा।
- रेलवे के लिए 1 लाख 31 हजार करोड़ रखे गए हैं। सभी ट्रेनों में बायोटॉयलेट लगाए जाएंगे।
- ई-टिकट पर सर्विस टैक्स नहीं। ई-टिकट से यात्रा सस्ती होगी।
- गुजरात-झारखंड में एम्स खोले जाएंगे।
- मेट्रो रेल के लिए नई नीति की घोषणा की जाएगी।
- दिव्यांगों के लिए स्टेशनों पर लिफ्ट और एस्केलेटर लगाए जाएंगे।
- अगले वित्त वर्ष में 3500 किमी रेल लाइन कमिशन की जाएंगी। धार्मिक यात्राओं के लिए अलग से सर्किट।
- सुरक्षा के लिए अगले पांच सालों के 1 लाख करोड़। 2020 तक ब्रॉडगैज लाइन पर मेनलेस क्रॉसिंग खत्म होंगे।
- टेली मेडिसिन के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक का उपयोग होगा।
- भारत नेट प्रोजेक्ट के तहत 1 लाख 55 किलोमीटर में फायबर केबल डाली गई।
- एयरपोर्ट को अपग्रेड करने के लिए बने कानून में संशोधन किया जाएगा।
- राजमार्गों के लिए 64, 900 करोड़ का आवंटन किया गया है।
- हाईवे के लिए 64 हजार करोड़ रखे गए हैं।
- कैशलेस रिजर्वेशंस 58 से बढ़कर 68 प्रतिशत हुआ। रेलवे का ऑपरेटिव रेशों सुधारने की कोशिश।
- सीबीएसई और एआईसीटीसी प्रवेश परीक्षाएं नहीं लेंगी। इसके लिए नई संस्था का गठन किया जाएगा।
- एफडीआई के क्षेत्र में सरकार ने कई परिवर्तन किए। ऑटोमेटिक रूट से एफडीआई भारत में ज्यादा आ रही है। एफआईपीबी को 2017-18 को एफडीआई के क्षेत्र से हटा दिया जाएगा।
- इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 2017-18 में 3 लाख 90 हजार करोड़ से ज्यादा का निवेश।
- भारत को इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने पर जोर। मोबाइल क्षेत्र में विदेशी कंपनियों को बढ़ावा।
- टेली मेडिसिन के क्षेत्र में डिजिटल तकनीक का उपयोग होगा।
- वित्तिय क्षेत्र के लिए क्विक रिस्पॉन्स टीम बनाई जाएगी।
- शेयर बाजार में सरकारी कंपनियों की लिस्टिंग की समय सीमा। आईआरसीटीसी भी लिस्टेट होगी।
- भारत डिजिटल क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। बैंकों ने मार्च तक 2017 तक 20 लाख नए आधार आधारित पीओएस शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
- भ्रष्टाचार हटाने के लिए डिजिटल अर्थव्यवस्था बेहद जरूरी, भीम एप डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दिया जाएगा। 125 लाख लोगों ने भीम ऐप को अपनाया। इसे बढ़ाने के लिए दो नई स्कीमें।
- उच्च क्षेत्र की शिक्षा के लिए यूजीसी में होगा सुधार। सौ इंडिया स्किल सेंटर स्थापित होंगे। विदेशी भाषा के ज्ञान में सुधार कार्यक्रम, ऑनलाइन क्लास रुम पर फोकस।
- दवाओं के दाम घटाने के लिए योजना बनाई जाएगी। 2025 तक टीबी, 2018 तक चेचक, कुष्ठ रोग को खत्म किया जाएगा।
- बीकानेर और ओडिशा में कच्चे तेल के भंडार बनेंगे।
- कैशबेक और रेफरल बोनस स्कीम आएगी।
- पोस्ट ऑफिस के माध्यम से डिजिटल योजनाएं लागू की जाएंगी।
- छोटे शहरों में एयरपोर्ट बनेंगे।
- GPO में पासपोर्ट बनेंगे।
- रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपए का रखा गया है।
- रेलवे के लिए 1.31 हजार करोड़ का बजट रखा गया है।
-1.50 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड का लक्ष्य।
- कैशबेक और रेफरल बोनस स्कीम आएगी।
- पोस्ट ऑफिस के माध्यम से डिजिटल योजनाएं लागू की जाएंगी।
- छोटे शहरों में एयरपोर्ट बनेंगे।
- GPO में पासपोर्ट बनेंगे।
- रक्षा बजट 2.74 लाख करोड़ रुपए का रखा गया है।
- रेलवे के लिए 1.31 हजार करोड़ का बजट रखा गया है।
- 1.50 लाख गांवों में ब्रॉडबैंड का लक्ष्य।
- सिर्फ 99 लाख लोगों ने 2.5 लाख से कम आमदनी दिखाई। वहीं 5 लाख की आमदमी दिखाने वालों की संख्या महज 76 लाख रही।
- कर चोरी करने वालों का भार ईमानदार लोगों पर पड़ता है। कर प्रस्तावों में मध्यमवर्ग का ख्याल रखा गया।
- कर प्रस्तावों पर विकास, कालेधन पर रोकथाम और कर व्यवस्था के सरलीकरण पर जोर दिया गया है।
- सस्ते घरों की स्कीम का दायरा बढ़ा। सस्ते घरों की योजना में बड़े घर, बिल्ट अप एरिया कार्पेट एरिया माना जाएगा।
- घरों के लिए कैपिटल गेन्स की सीमा 3 साल से 2 साल हुई।
- भूमिअधिग्रहण पर मुआवजा कर मुक्त होगा।
- 3 लाख से ज्यादा कैश में लेन-देन नहीं होगा।
- 50 करोड़ टर्नओवर पर इनकमटैक्स 5 फीसदी घटाया।
- 2000 से ज्यादा का राजनीतिक चंदा नकद में नहीं।
- चेक या डिजिटल से ही चंदा ले सकेंगी पार्टियां
- राजनीतिक चंदे के लिए डॉनर बॉण्ड जारी होंगे।
- पीओएस मशीनों पर ड्यूटी घटाई गई।
बुधवार, 25 जनवरी 2017
एशिया - प्रशांत महासागरीय आर्थिक सहयोग
एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) 21 के लिए एक मंच है प्रशांत रिम सदस्य अर्थव्यवस्थाओं
[2] कि को बढ़ावा मुक्त व्यापार भर में एशिया-प्रशांत क्षेत्र। यह 1989 में एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाओं और क्षेत्रीय के आगमन की बढ़ती निर्भरता के जवाब में स्थापित किया गया था व्यापार ब्लॉक दुनिया के अन्य भागों में; आशंका है कि शांत करने के लिए उच्च औद्योगिक जापान (के एक सदस्य जी -8 ) एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों पर हावी करने के लिए आ सकता है; और कृषि उत्पादों और यूरोप से परे कच्चे माल के लिए नए बाजारों की स्थापना।
3- एक वार्षिक अपेक आर्थिक नेताओं की बैठक ने भाग लिया है शासनाध्यक्षों को छोड़कर सभी अपेक के सदस्यों के ताइवान (जो एक का प्रतिनिधित्व करती है मंत्रिस्तरीय आधिकारिक नाम के तहत चीनी ताइपे आर्थिक नेता के रूप में
4- )। बैठक के स्थान सालाना सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के बीच घूमता है, और एक प्रसिद्ध परंपरा है, के लिए पीछा सबसे अधिक (लेकिन सभी नहीं) शिखर, एक में ड्रेसिंग में भाग लेने के नेताओं के शामिल राष्ट्रीय पोशाक मेजबान देश की।
अपेक वर्तमान में समुद्र तट पर एक साथ सबसे अधिक देशों सहित 21 सदस्यों, प्रशांत महासागर । हालांकि, सदस्यता के लिए कसौटी है कि सदस्य एक अलग अर्थव्यवस्था है, बल्कि एक राज्य से है। नतीजतन, अपेक सदस्य देशों अवधि सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के बजाय का उपयोग करता है अपने सदस्यों को देखें। इस कसौटी का एक परिणाम यह है कि मंच की सदस्यता शामिल ताइवान (आधिकारिक तौर पर चीन के गणराज्य का नाम "चीनी ताइपे" के तहत भाग लेने) के साथ-साथ चीन की पीपुल्स रिपब्लिक (देखें पार जलसंयोगी संबंधों ), साथ ही हांगकांग , जो प्रवेश किया अपेक एक ब्रिटिश उपनिवेश के रूप में है, लेकिन यह अब एक है चीन की पीपुल्स गणराज्य के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र । : अपेक भी तीन अधिकारी भी शामिल हैं पर्यवेक्षकों आसियान , प्रशांत द्वीप फोरम और प्रशांत आर्थिक सहयोग परिषद
[2] कि को बढ़ावा मुक्त व्यापार भर में एशिया-प्रशांत क्षेत्र। यह 1989 में एशिया-प्रशांत अर्थव्यवस्थाओं और क्षेत्रीय के आगमन की बढ़ती निर्भरता के जवाब में स्थापित किया गया था व्यापार ब्लॉक दुनिया के अन्य भागों में; आशंका है कि शांत करने के लिए उच्च औद्योगिक जापान (के एक सदस्य जी -8 ) एशिया-प्रशांत क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों पर हावी करने के लिए आ सकता है; और कृषि उत्पादों और यूरोप से परे कच्चे माल के लिए नए बाजारों की स्थापना।
3- एक वार्षिक अपेक आर्थिक नेताओं की बैठक ने भाग लिया है शासनाध्यक्षों को छोड़कर सभी अपेक के सदस्यों के ताइवान (जो एक का प्रतिनिधित्व करती है मंत्रिस्तरीय आधिकारिक नाम के तहत चीनी ताइपे आर्थिक नेता के रूप में
4- )। बैठक के स्थान सालाना सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के बीच घूमता है, और एक प्रसिद्ध परंपरा है, के लिए पीछा सबसे अधिक (लेकिन सभी नहीं) शिखर, एक में ड्रेसिंग में भाग लेने के नेताओं के शामिल राष्ट्रीय पोशाक मेजबान देश की।
अपेक वर्तमान में समुद्र तट पर एक साथ सबसे अधिक देशों सहित 21 सदस्यों, प्रशांत महासागर । हालांकि, सदस्यता के लिए कसौटी है कि सदस्य एक अलग अर्थव्यवस्था है, बल्कि एक राज्य से है। नतीजतन, अपेक सदस्य देशों अवधि सदस्य अर्थव्यवस्थाओं के बजाय का उपयोग करता है अपने सदस्यों को देखें। इस कसौटी का एक परिणाम यह है कि मंच की सदस्यता शामिल ताइवान (आधिकारिक तौर पर चीन के गणराज्य का नाम "चीनी ताइपे" के तहत भाग लेने) के साथ-साथ चीन की पीपुल्स रिपब्लिक (देखें पार जलसंयोगी संबंधों ), साथ ही हांगकांग , जो प्रवेश किया अपेक एक ब्रिटिश उपनिवेश के रूप में है, लेकिन यह अब एक है चीन की पीपुल्स गणराज्य के विशेष प्रशासनिक क्षेत्र । : अपेक भी तीन अधिकारी भी शामिल हैं पर्यवेक्षकों आसियान , प्रशांत द्वीप फोरम और प्रशांत आर्थिक सहयोग परिषद
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